अपठित गद्यांश | अपठित पद्यांश
अपठित गद्यांश
किसी दिए गए पाठ को पढ़कर विद्यार्थियों द्वारा प्रतिपाद्य विषय तथा-गद्यांश / पद्यांश में
निहित मूल भाव को हृदयंगम करना ही पाठ-बोधन कहलाता है।
कहानी, लेख, निबंध आदि के वे अंश जिन्हें विद्यार्थियों ने अपने निर्धारित पाठ्यक्रम में न पढ़ा हो,
अपठित गद्यांश कहलाते हैं।
अपठित गद्यांश से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देने से पूर्व निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1.
प्रथम चरण में पाठ को शीघ्रता से किंतु ध्यानपूर्वक पढ़कर विषय-वस्तु तथा केन्द्रीय भाव को
समझने का प्रयास करें।
2. दूसरे चरण में पाठ को धीरे-धीरे एवं पूरे मनोयोग से नीचे दिए गए प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए
पढ़ें। संभावित उत्तरों को साथ-साथ रेखांकित करें।
3. तीसरे चरण में प्रश्नों के सही उत्तरों को सावधानीपूर्वक चिह्नांकित करें।
4. शीर्षक के चयन के लिए गद्यांश / पद्यांश के केन्द्रीय भाव को जानने का प्रयास करें।
5. शीर्षक गद्यांश के आरंभ में या अंत में प्रायः होता है। शीर्षक केन्द्रीय भाव पर आधारित होना
चाहिए। अर्थात् गद्यांश में जिस भाव, विचार अथवा कथ्य पर बार-बार आग्रह या जोर दिया
जाता है, वहीं केन्द्रीय भाव होता है।
6. प्रश्नों का उत्तर अपनी भाषा में देना चाहिए। जहां विकल्प हो वहां सटीक विकल्प का चयन करें।
अपठित गद्यांश के उदाहरण:
गद्यांश – 1
स्वावलंबन का गुण सभी को सरलता से प्राप्त हो सकता है। यह किसी एक जाति, धर्म अथवा देश के
निवासी की जागीर नही हैं। स्वावलंबन सभी के लिए चाहे वह पूंजीपति हो या श्रमिक, पुरुष हो या
स्त्री, वृद्ध हो या बालक, काला हो या गोरा, शिक्षित हो या अशिक्षित, प्रत्येक समय और स्थान पर
सुलभ है। इतिहास साक्षी है कि अत्यंत दीन तथा निर्धन व्यक्तियों ने स्वावलंबन के अलौकिक गुण
द्वारा महान उन्नति की है। समाचार-पत्र बेचने वाला एडिसन एक महान वैज्ञानिक हुआ। चंद्रगुप्त
जैसा निर्धन और साधारण सैनिक भारत का चक्रवर्ती सम्राट बना। हैदर अली प्रारंभ में एक सिपाही था।
स्वावलंबन के बल पर ही उसने दक्षिण भारत में विशाल राज्य स्थापित किया। ईश्वरचंद्र विद्यासागर
महान विद्वान और समाज सुधारक थे। कहा जाता है कि सड़क पर जलने वाले लैंप पोस्ट में पढ़कर
उन्होंने विद्वता प्राप्त की।
1. इस गद्यांश का शीर्षक क्या हो सकता है ?
(क) स्वावलंबन का महत्व
(ख) हैदर अली
(ग) चंद्रगुप्त मौर्य
(घ) ईश्वरचंद्र विद्यासागर
2. स्वावलंबन का गुण सभी को प्राप्त हो सकता है।
(क) किस्मत से
(ख) सरलता से
(ग) मेहनत से
(घ) अक्ल से
3. ‘श्रमिक में प्रयुक्त प्रत्यय है –
(क) श्रम
(ख) इक
(ग) क
(घ) ईक
4. चंद्रगुप्त मौर्य कहाँ का चक्रवर्ती सम्राट बना?
(क) बिहार
(ख) भारत
(ग) बंगाल
(घ) दिल्ली
5. दीन और निर्धन व्यक्तियों ने किसके बल पर महान उन्नति की ?
(क) स्वार्थ (
ख) भाग्य
(ग) स्वावलंबन
(घ) युद्ध
गद्यांश – 2
लंदन शहर टेम्स नदी के किनारे बसा हुआ है। टेम्स नदी का पाट चौड़ा और पानी गहरा है। समुद्र तट के
निकट होने और टेम्स नदी में अधिक पानी होने के कारण लंदन एक विशाल बन्दरगाह भी है। वहाँ रोज
सैकड़ों जहाज आते-जाते हैं और दूर से देखने पर टेम्स नदी के ऊपर मस्तूलों का जंगल मालूम होता है।
यहां से विश्व के हर कोने में माल जाता और आता है। लंदन बंदरगाह से ही ब्रिटेन की अधिकतर
आयातित वस्तुएँ पहुँचती हैं। यदि कुछ दिन भी यह बंदरगाह बंद हो जाए तो इंग्लैंड में हड़कंप मच
जायेगा। इसलिए ब्रिटेन ने अपनी नाविक शक्ति इतनी प्रबल कर ली है कि उससे दुनिया में कोई भी
राज्यशक्ति समुद्री युद्ध में टक्कर लेने से कतरायेगी ।
1. ब्रिटेन ने अपनी नाविक शक्ति इतनी प्रबल क्यों बना ली हैं ?
(क) कोई शत्रु इसे हरा न सके
(ख) कोई लंदन पर आक्रमण न कर सके
(ग) कोई इसके जहाजों का आना-जाना न रोक सके
(घ) लंदन शहर को कोई क्षति न पहुँच सके
2. लंदन शहर किस नदी के किनारे बसा है ?
(क) गंगा
(ख) टेम्स
(ग) वोल्गा
(घ) वेनिस
3. ‘टक्कर लेने’ का अर्थ है ?
(क) तुलना करना
(ख) मुकाबला करना
(ग) टकराना
(घ) लोहा मानना
4. मस्तूलों का जंगल कहने से लेखक का क्या अभिप्राय है ?
(क) मस्तूलों की पंक्तियाँ
(ख) असंख्य मस्तूल
(ग) मस्तूलों का आकर्षक दृश्य
(घ) मस्तूलों की बहार
5. इस गद्यांश का उचित शीर्षक है –
(क) टेम्स नदी
(ख) ब्रिटिश सम्राज्य की ताकत
(ग) लंदन बंदरगाह
(घ) इनमें कोई नहीं
गद्यांश – 3
महिला आरक्षण विधेयक पर प्रत्येक व्यक्ति अपने विचार व्यक्त कर रहा है। कोई इससे सहमत है तो कोई
असहमत। लोकतंत्र में सबका अपना विचार हो सकता है, लेकिन इसका अर्थ यह नही हैं कि हम महिलाओं
का विरोध शुरु कर दें। जातिगत आरक्षण जैसे सुधार तो आवश्यकता पड़ने पर बाद में भी किए जा सकते
हैं। हर बार हर बात पर विरोध करना घोर वैचारिक पिछड़ापन है। जो दल विभिन्न आधार सुझा रहे हैं, वे
अपनी पार्टी में उसे लागू करने के लिए स्वतंत्र हैं। बार-बार विरोध करना उचित नहीं है। हो- हल्ला करके
कई वर्षों से इस विधेयक को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। महिलाओं ने भी आजादी के लिए पुरुषों
के साथ मिलकर संघर्ष किया था। क्या आजाद भारत में आज अपने अधिकारों के लिए उन्हें याचना करनी
पड़ेगी? बेहतर होगा कि सभी दल इस दिशा में सहयोग करें और सर्वमान्य समाधान निकालें।
1. ‘आरक्षण’ में प्रयुक्त उपसर्ग है
(क) रक्षा
(ख) आ
(ग) आर
(घ) रक्षण
2. हर बार विरोध करने को क्या कहा गया है ?
(क) हो-हल्ला
(ख) महिलाओं का विरोध
(ग) वैचारिक पिछड़ापन
(घ) वैचारिक स्वतंत्रता
3. आजादी के लिए महिलाओं ने क्या किया था ?
(क) अधिकारों के लिए याचना
(ख) कोई प्रयास नहीं किया
(ग) विरोध
(घ) पुरुषों के साथ मिलकर संघर्ष किया
4. महिला आरक्षण के लिए आज की स्थिति में क्या करना चाहिए ?
(क) मिलकर विचार करें
(ख) कुछ भी न करें
(ग) सर्वमान्य समाधान निकाले
(घ) जातिगत आरक्षण दे दें
5. ‘आवश्यकता’ में कौन सा प्रत्यय लगा है ?
(क) आ
(ख) आव
(ग) कता
(घ) ता
अपठित पद्याश
निम्नलिखित काव्य – पंक्तियों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।
हाँ कोकिला नहीं, काक हैं शोर मचाते।
काले-काले कीट, भ्रमर का भ्रम उपजाते
आओ प्रिय रितुराज! किंतु धीरे से आना ।
यह है शोक स्थान यहाँ मत शोर मचाना ।।
1. बाग में शोर कौन मचा रहा है?
(क) कोयल और कौवे
(ख) कोयल या कौवे
(ग) कौवे
(घ) कोई नहीं
2. भ्रमर का पर्यायवाची नहीं है ?
(क) मधुकर
(ख) अलि
(ग) मधुप
(घ) मयूर
3. किस ऋतु को ऋतुराज कहा गया है ?
(क) वसंत
(ख) हेमन्त
(ग) ग्रीष्म
(घ) शिशिर
4. (!) इस चिह्न को क्या कहते हैं ?
(क) प्रश्नवाचक
(ख) योजक
(ग) विस्मयादिबोधक
(घ) निर्देशक
5. ‘काले-काले’ में प्रयुक्त अलंकार को चुनिए
(क) उपमा
(ख) कोई नहीं
(ग) अनुप्रास
(घ) पुनरुक्ति प्रकाश